अरवल में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ पर विशेष जन-जागरूकता अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में मिला व्यापक समर्थन
अरवल। जिला पदाधिकारी श्रीमती अनिमेषा शर्मा के निर्देश पर अरवल जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत एक व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। एलईडी वैन के माध्यम से पूरे जिले में संदेश प्रसारित किए गए, जिसमें बाल विवाह उन्मूलन, लैंगिक हिंसा की रोकथाम और बालिकाओं की शिक्षा के महत्व पर विशेष फोकस रहा। यह जागरूकता अभियान अरवल प्रखंड के सकरी दहुल, परसुरामपुर सहित अनेक पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में सफलतापूर्वक संचालित हुआ।
अभियान के दौरान एलईडी वैन से प्रभावशाली ऑडियो-वीडियो संदेश प्रसारित कर लोगों को बताया गया कि बाल विवाह सामाजिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है, जो एक गंभीर सामाजिक अपराध भी है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि बेटियों को शिक्षा से जोड़ना उनके सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की नींव है। बालिकाओं को समान अधिकार एवं सम्मान देने से समाज का सामाजिक एवं आर्थिक विकास संभव है।
सरकारी टीम ने उपस्थित लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, इससे मिलने वाले लाभ, सरकारी सुविधाओं और सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ग्रामीणों को बताया गया कि शिक्षा से ही बेटियों का सशक्तिकरण संभव है और यही समाज को मजबूत बनाता है। अभियान के दौरान मानसिकता बदलने पर जोर देते हुए संदेश दिया गया—“बेटी है तो कल है”, तथा महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की अपील की गई।
इस जन-जागरूकता अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई महिलाओं और युवाओं ने बाल विवाह तथा अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आगे आने का संकल्प जताया। जिला प्रशासन ने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि समाज में बेटी के प्रति सम्मान, शिक्षा और सुरक्षा की भावना और अधिक मजबूत हो सके।
जिला प्रशासन ने सभी ग्रामीणों, महिलाओं और सहयोगी संस्थाओं को उनके सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और सामूहिक प्रयासों से सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन का संकल्प दोहराया।