बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत चित्रकारी प्रतियोगिता, बाल विवाह व लैंगिक हिंसा पर छात्रों ने दिए सशक्त संदेश
अरवल, 11 दिसंबर 2025। जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत शुक्रवार को सभी मध्य और उच्च विद्यालयों में जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में लैंगिक समानता, बाल सुरक्षा और सामाजिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना था। जिलेभर में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए बाल विवाह, लैंगिक हिंसा, बाल असमानता तथा बेटियों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावशाली चित्र बनाए।
प्रतियोगिता की थीम “लैंगिक हिंसा के विरुद्ध जागरूकता” और “बाल विवाह उन्मूलन” रखी गई थी। बच्चों द्वारा बनाए गए चित्रों ने समाज में प्रचलित विभिन्न सामाजिक कुरीतियों और चुनौतियों को उजागर किया। कई चित्रों में बेटियों की शिक्षा को सशक्त समाज की नींव बताया गया, वहीं कुछ में बाल विवाह को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया गया। छात्राओं ने अपनी सृजनशीलता से जीवन के वास्तविक मुद्दों को रंगों के माध्यम से बखूबी दर्शाया।
कार्यक्रम में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और एक स्वर में संदेश दिया— "समाज बदलेगा, जब सोच बदलेगी"।
प्रतियोगिता ने न केवल बच्चों को अभिव्यक्ति का अवसर दिया, बल्कि उनमें सामाजिक जिम्मेदारी और अधिकारों के प्रति जागरूकता भी विकसित की।
जिला पदाधिकारी, अरवल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से बच्चों में सकारात्मक सोच, संवेदनशीलता और नेतृत्व क्षमता विकसित होती है। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में भी इसी तरह की गतिविधियाँ नियमित रूप से आयोजित की जाएँगी ताकि जिले में बाल सुरक्षा, लैंगिक समानता और बेटियों के अधिकारों को मजबूत किया जा सके।
इस आयोजन ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा ही उज्जवल भविष्य की कुंजी है।