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नाक में उंगली करने की आदत सिर्फ गंदी नहीं, खतरनाक भी! डॉक्टरों ने बताई गंभीर बीमारियों तक की चेतावनी


मेट्रो की सीट से लेकर सिनेमा की अंधेरी पंक्तियों तक—आपने कई लोगों को नाक में उंगली घुमाते हुए जरूर देखा होगा। देखने वालों को भले ही यह एक बुरा मैनर्स लगे, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यह आदत शरीर के भीतर ऐसी हलचल पैदा कर सकती है, जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बने। सीके बिड़ला अस्पताल की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति सिन्हा ने बताया कि नाक में उंगली डालना सिर्फ अस्वच्छ आदत नहीं, बल्कि यह नाक, दिमाग और पूरे श्वसन तंत्र के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

1. नाक से खून और अंदरूनी चोट का खतरा

डॉ. दीप्ति कहती हैं कि नाक के भीतर की त्वचा बेहद पतली और संवेदनशील होती है। बार-बार उंगली डालने से यह त्वचा छिल जाती है और चोट बनने लगती है। कई मामलों में यह आदत नाक से खून बहने, सूजन और लंबे समय तक चलने वाली इरिटेशन का कारण बन जाती है। कुछ लोग अनजाने में इतनी गहराई तक चोट पहुंचा देते हैं कि उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।


2. बढ़ जाता है खतरनाक इंफेक्शन का जोखिम

उंगली पर मौजूद बैक्टीरिया नाक में जाकर कई तरह के इंफेक्शन को जन्म देते हैं। इनमें प्रमुख हैं—

  • नेजल वेस्टिबुलिटिस – नाक के प्रवेश हिस्से का बैक्टीरियल संक्रमण। इससे पपड़ी जमना, लालिमा, दर्द और सूजन की समस्या होती है।
  • फुरुनकल / फोड़े – अत्यधिक नाक साफ करने पर बाल कूप संक्रमित होकर फोड़े बन जाते हैं।
  • सेप्टल एब्सेस – यह गंभीर स्थिति है जिसमें नाक के सेप्टम में मवाद भर जाती है। समय रहते इलाज न मिले तो यह स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।

सर्दियों में नाक का सूखापन इन संक्रमणों की संभावना और बढ़ा देता है।


3. दिमाग तक पहुंच सकते हैं खतरनाक बैक्टीरिया

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ बैक्टीरिया नाक से सीधे दिमाग तक पहुंच सकते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि घ्राण तंत्रिकाएं (olfactory nerves) नाक और दिमाग के बीच एक सीधा रास्ता हैं।
क्लैमाइडिया न्यूमोनिया जैसे बैक्टीरिया इसी रास्ते दिमाग तक पहुंचकर अल्जाइमर जैसे न्यूरोलॉजिकल बदलाव ट्रिगर कर सकते हैं।
इसका मतलब है कि एक साधारण आदत भी भविष्य में गंभीर दिमागी बीमारियों की जमीन तैयार कर सकती है।


4. बढ़ती एलर्जी और इरिटेशन

बार-बार उंगली डालना नाक के अंदर एलर्जी को और बढ़ा सकता है। इसके कारण—

  • नाक बंद होना
  • बार-बार छींक आना
  • अधिक म्यूकस बनना
  • जलन और खुजली

ये समस्याएं खासकर उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती हैं जिन्हें साइनस, एलर्जी या सूखी नाक की परेशानी रहती है।


5. बन सकती है बाध्यकारी आदत

नाक में उंगली डालना धीरे-धीरे एक compulsive habit बन जाता है, जो बच्चे ही नहीं, कई वयस्कों में भी पाई जाती है। यह आदत सामाजिक तौर पर असहज करती है और मानसिक रूप से भी एक तरह का व्यवहारिक पैटर्न बन जाती है, जिसे छुड़ाना मुश्किल हो सकता है।


कैसे छोड़े यह आदत?

  • नाक में नमी रखें—सलाइन नेजल स्प्रे से फायदा मिलता है।
  • घर में ह्यूमिडिफायर चलाएं ताकि हवा में नमी बनी रहे।
  • नाखून छोटे रखें ताकि नाक में चोट न लगे।
  • एलर्जी या सूखापन हो तो डॉक्टर से इलाज लें।

डॉक्टर की चेतावनी

डॉ. दीप्ति सिन्हा स्पष्ट कहती हैं—यह आदत जितनी मामूली दिखती है, उतनी ही छुपी हुई खतरनाक भी है। इससे खून बहना, गंभीर संक्रमण, नाक की स्थायी चोट और यहां तक कि दिमाग से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
सर्दियों और सूखे मौसम में यह जोखिम और ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए इस आदत को तुरंत नियंत्रित करने की जरूरत है।

यानी नाक में उंगली डालना सिर्फ गंदी आदत नहीं—यह आपकी सेहत के लिए एक बिगड़ता हुआ अलार्म भी हो सकती है।

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