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बिहार राजनीति में नई हलचल: विधानसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव यूरोप छुट्टियों पर, विपक्ष के निशाने पर आए

पटना। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव एक बार फिर राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गए हैं। चुनाव नतीजों के कुछ ही दिनों बाद तेजस्वी अपनी पत्नी राजश्री यादव और दोनों बच्चों—कात्यायनी और इराज—के साथ यूरोप छुट्टियां मनाने चले गए हैं। क्रिसमस और नए साल के मौके पर उनका यह पारिवारिक दौरा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

चुनाव हार के बाद समीक्षा बैठकों का दौर

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी सिर्फ 25 सीटें ही जीत पाई थी। यह हालिया वर्षों में पार्टी का सबसे कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है। ऐसे में पार्टी के भीतर समीक्षा बैठकों का दौर जारी है, लेकिन तेजस्वी की अनुपस्थिति ने कार्यकर्ताओं के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी जल्दी लौटेंगे और समीक्षा प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन उनके विदेश रवाना होने से पार्टी की रणनीति फिलहाल अधर में नजर आ रही है।

विधानसभा सत्र में भी रहे गायब

बिहार विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ था। पहले और दूसरे दिन तेजस्वी सदन में मौजूद रहे, लेकिन 2 दिसंबर की शाम अचानक दिल्ली रवाना हो गए। इसके अगले ही दिन यानी 3 दिसंबर को जब राज्यपाल का संयुक्त अभिभाषण हुआ तो तेजस्वी सदन में नहीं दिखे।

4 दिसंबर को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी उनकी अनुपस्थिति बनी रही। इससे विरोधी दलों को हमला बोलने का मौका मिल गया। विपक्ष ने सवाल उठाया कि चुनाव हार के बाद नेता प्रतिपक्ष बनने की तैयारी करने वाले तेजस्वी आखिर सदन से गायब क्यों हैं।

पार्टी में बनी खामोशी, बाहर उठ रहे सवाल

तेजस्वी के अचानक विदेश जाने से आरजेडी के नेताओं और समर्थकों के बीच खामोशी है। पार्टी ने इस दौरे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी हार के बाद नेतृत्व को कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की जरूरत थी, ऐसे में तेजस्वी का विदेश निकल जाना एक गलत संदेश दे सकता है।

चुनाव हार पर अब तक नहीं दिया कोई बयान

तेजस्वी यादव ने अब तक आरजेडी की करारी हार पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुद को सीएम पद का प्रमुख चेहरा बनाया था, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहने के बाद वे चुनाव बाद मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए हुए हैं।

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि तेजस्वी की यह छुट्टी रणनीतिक है या चुनावी आघात से उबरने का एक निजी प्रयास। फिलहाल तो उनकी अनुपस्थिति ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है।

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