अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर अरवल में हुआ ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन
| “समता, शिक्षा और न्याय” के संकल्प से गूंजा पूरा परिसर |
अरवल। भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अरवल जिले में एक विशाल, अनुशासित और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिले भर से आए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजू रंजन पासवान (सांसद प्रतिनिधि सह अध्यक्ष, श्रीमती उर्मिला देवी फाउंडेशन, अरवल) की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई। पूरा परिसर “जय भीम” के नारों से गूंज उठा, जिससे वातावरण में समता, न्याय और भाईचारे का संदेश और अधिक प्रखर रूप से प्रतिध्वनित हुआ। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न कोनों से आए युवाओं, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा बुजुर्गों ने भी बड़ी संख्या में भाग लेकर बाबा साहेब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
राजू रंजन पासवान ने दिया समाजिक समता का संदेश
अपने प्रेरणादायक संबोधन में राजू रंजन पासवान ने बाबा साहेब को नमन करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने भारत को संविधान, विचार और संघर्ष की जो अनमोल धरोहर दी है, वह सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। उन्होंने कहा,
“जब तक समाज के हर व्यक्ति को समता, शिक्षा और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक बाबासाहेब का सपना अधूरा रहेगा। हमें उनके मिशन को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लेना होगा।”
उन्होंने संविधान की भूमिका, सामाजिक न्याय की आवश्यकता, और देश के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए युवाओं को उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
समाजसेवियों व शिक्षकों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर समाज के upliftment में योगदान दे रहे कई शिक्षकों, समाजसेवियों, महिला समूहों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दलित उत्थान के लिए सक्रिय व्यक्तियों को शॉल, प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्तकर्ताओं ने बाबा साहेब के विचारों को समाज में और अधिक प्रभावी ढंग से फैलाने का संकल्प दोहराया।
समारोह का समापन सामूहिक संकल्प के साथ
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने “समता, शिक्षा और सामाजिक न्याय” के मार्ग पर चलते हुए संविधान के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का सामूहिक संकल्प लिया।
इस तरह, अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर अरवल जिला सामाजिक चेतना, एकता और समानता का संदेश देने वाला केंद्र बन गया।