हाजीपुर में शराब माफिया पर बड़ा प्रहार: नए साल से पहले 4 देसी शराब भट्टियां ध्वस्त
हाजीपुर (वैशाली): शराबबंदी वाले बिहार में नए साल से पहले पुलिस ने अवैध शराब कारोबार के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। वैशाली जिले के हाजीपुर में पुलिस ने नदी किनारे चल रही देसी शराब की चार भट्टियों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया, जिससे शराब माफिया में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई महनार थाना क्षेत्र में की गई, जहां लंबे समय से महुआ से देसी शराब बनाने का गैरकानूनी धंधा चलने की शिकायतें मिल रही थीं। पुलिस का दावा है कि इस कार्रवाई से इलाके में अवैध शराब की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ेगा।
गुप्त सूचना के बाद नदी किनारे छापा
पुलिस को सूचना मिली थी कि महनार बाजार घाट के सामने दियारा इलाके में खुलेआम देसी शराब बनाई जा रही है। इसी इनपुट पर महनार थाना प्रभारी वेदानंद सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तड़के छापेमारी की।
हालांकि, पुलिस के पहुंचते ही शराब कारोबारी मौके से फरार हो गए और किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
सवाल यही है—सूचना के बावजूद तस्कर पहले कैसे सतर्क हो गए?
10 हजार लीटर कच्चा महुआ जावा नष्ट
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से करीब 10 हजार लीटर कच्चा महुआ जावा बरामद किया। पुलिस ने इसे वहीं नष्ट कर दिया ताकि दोबारा शराब निर्माण न हो सके।
इसके साथ ही शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक ड्रम, टीन के ड्रम और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए।
भट्टियों को आग लगाकर किया गया ध्वस्त
कार्रवाई को निर्णायक बनाते हुए पुलिस ने मौके पर ही चारों देसी शराब भट्टियों को आग लगाकर पूरी तरह नष्ट कर दिया। दियारा इलाके में उठती आग की लपटें इस बात का संकेत थीं कि इस बार पुलिस सिर्फ औपचारिक कार्रवाई नहीं कर रही।
लेकिन बड़ा सवाल—क्या ये भट्टियां फिर किसी और जगह नहीं लगेंगी?
नए साल से पहले अभियान तेज
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नए साल को देखते हुए जिले भर में शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। फरार शराब कारोबारियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ शराबबंदी कानून के तहत सख्त कार्रवाई की तैयारी है।
पुलिस का साफ कहना है कि आने वाले दिनों में दियारा और नदी किनारे के इलाकों में लगातार छापेमारी होगी।
गिरफ्तारी नहीं, लेकिन संदेश साफ
हालांकि इस कार्रवाई में एक भी शराब तस्कर गिरफ्तार नहीं हुआ, लेकिन पुलिस का मानना है कि भट्टियों के नष्ट होने से अवैध कारोबार को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय लोगों में भी उम्मीद जगी है कि सख्ती जारी रही तो इलाके में शराब का धंधा कमजोर पड़ेगा।
अब देखना यह है कि पुलिस का यह अभियान सिर्फ नए साल तक सीमित रहता है या वास्तव में शराबबंदी को जमीन पर मजबूत करता है।