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पुतिन का भारत दौरा: 30 घंटे में डिफेंस से लेकर ट्रेड तक कई अहम डील्स की तैयारी, 7 टॉप रूसी मंत्री भी साथ

मॉस्को/नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं। लंबे अंतराल के बाद पुतिन 4 दिसंबर को भारत पहुंच रहे हैं और 5 दिसंबर को कई बड़े ऐलान किए जाएंगे। यह दौरा केवल कुछ घंटों का है, लेकिन इसके एजेंडा और प्रतिनिधि मंडल को देखकर साफ है कि भारत-रूस रिश्तों में बड़ा बदलाव और नए आयाम जुड़ने वाले हैं।

30 घंटे का हाई-प्रोफाइल दौरा

पुतिन लगभग 30 घंटे भारत में रहेंगे। वो 4 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे दिल्ली में लैंड करेंगे और इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वन-टू-वन मुलाकात करेंगे। यह अनौपचारिक बातचीत प्राइवेट डिनर पर होगी, लेकिन इसे बेहद रणनीतिक माना जा रहा है। दोनों नेता आपसी भरोसे, रक्षा सहयोग, वैश्विक राजनीति और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत करेंगे। यही चर्चा अगले दिन होने वाले औपचारिक समझौतों की नींव रखेगी।

5 दिसंबर को पुतिन और मोदी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुनिया को बताएंगे कि इस दौरे में कौन-कौन से समझौते पक्के हुए। विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा न केवल भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देगा बल्कि वाशिंगटन, बीजिंग और यूरोप की राजनीति पर भी असर डाल सकता है।

डेलीगेशन में कौन-कौन? संकेत बड़ी डील्स के

इस दौरे की सबसे बड़ी खासियत पुतिन के साथ आने वाला भारी-भरकम प्रतिनिधि मंडल है। रूस के 7 टॉप मंत्री उनके साथ भारत आएंगे — जो इस बात का सीधा संकेत है कि यह विजिट केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि कई बड़े और बहुपक्षीय समझौतों की तैयारी है।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल मंत्री:

  • आंद्रेई बेलोउसॉफ – रक्षा मंत्री
  • एंतोन सिलुआनोव – वित्त मंत्री
  • ऑक्साना लूट – कृषि मंत्री
  • मक्सिम रेशेत्निकोव – आर्थिक विकास मंत्री
  • मिखाइल मुराश्को – स्वास्थ्य मंत्री
    (अन्य दो मंत्रियों के नाम रूसी प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम सूची में शामिल हैं)

इन मंत्रियों की मौजूदगी बताती है कि भारत-रूस के बीच जिन सेक्टरों में डील्स हो सकती हैं, वे हैं:

  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग
  • ऊर्जा व्यापार
  • कृषि और खाद्यान्न आपूर्ति
  • वित्तीय लेन-देन और वैकल्पिक भुगतान तंत्र
  • तेल व गैस सेक्टर
  • हेल्थकेयर और मेडिकल टेक्नोलॉजी
  • आर्थिक विकास और व्यापार बढ़ोतरी

डिफेंस डील सबसे चर्चा में

भारत अपनी रक्षा जरूरतों का 60% से अधिक हिस्सा वर्षों से रूस से पूरा करता आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि:

  • S-400 डिफेंस सिस्टम की शेष खेप
  • Su-30 और MiG-29 अपग्रेड
  • ब्रह्मोस मिसाइल सहयोग
  • AK-203 राइफल प्रोजेक्ट
    पर अहम बातचीत हो सकती है।

ट्रेड और भुगतान प्रणाली पर बड़ा फैसला संभव

यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस डॉलर आधारित भुगतान से दूर हुआ है। अब भारत के साथ दोनों देशों के बीच रुबल-रुपया लेन-देन या किसी वैकल्पिक व्यवस्था पर बड़ा ऐलान हो सकता है।

कृषि और ऊर्जा सेक्टर भी एजेंडे में

रूस भारत को सस्ते दाम पर तेल बेच रहा है। अब इसके विस्तार और लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स पर चर्चा होने की उम्मीद है। कृषि मंत्री की मौजूदगी से संकेत मिलता है कि खाद्यान्न, उर्वरक और कृषि तकनीक साझेदारी भी बढ़ेगी।

दौरा क्यों महत्वपूर्ण?

यह दौरा भारत को वैश्विक कूटनीति में एक बैलेंस्ड पावर के रूप में स्थापित करता है। अमेरिका, चीन और यूरोप—तीनों की नजरें इस मुलाकात पर होंगी।

संक्षेप में, पुतिन का यह 30 घंटे का भारत दौरा कम समय में बड़े फैसले लाने वाला ऐतिहासिक विजिट साबित हो सकता है। भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा भरने की पूरी संभावना है।

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