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मोकामा में बनेगा तिरुपति बालाजी की तर्ज पर भव्य मंदिर, बिहार सरकार ने 10.11 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को सौंपी

बिहार के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक और अत्यंत सुखद समाचार सामने आया है। तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर अब बिहार के पटना जिला स्थित मोकामा में एक भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। महीनों पहले की गई घोषणा अब जमीन पर उतरने लगी है। बिहार सरकार ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को गति देने के लिए मोकामा खास स्थित 10.11 एकड़ सरकारी भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित कर दी है। इसी भूमि पर जल्द ही तिरुपति बालाजी की शैली में भव्य देवस्थल आकार लेगा।

सरकार द्वारा चयनित यह स्थान धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोकामा शहर गंगा नदी के तट पर स्थित है और सदियों से प्राचीन जनपद—अंग, मगध और मिथिला—के संगम स्थल के रूप में जाना जाता रहा है। यही नहीं, मोकामा सिमरिया घाट पर लगने वाले प्रसिद्ध अर्ध कुंभ मेले का प्रवेश द्वार भी है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।

इसके साथ ही क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी इस परियोजना के लिए एक बड़ा आधार बनी। दिल्ली–हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन मोकामा से होकर गुजरती है और यह शहर उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली रेल लाइनों का प्रमुख जंक्शन भी है। कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सड़कों से जुड़ा होने के कारण यहां आने-जाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। इन सभी कारणों से मोकामा मंदिर निर्माण के लिए आदर्श स्थान माना गया।

इस परियोजना का दायित्व तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) को सौंपा जा सकता है। यह संस्था न केवल तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन करती है बल्कि देशभर में कई सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यों का संचालन भी करती है। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, उड़ीसा, हरियाणा सहित कई राज्यों में मंदिर, वेद पाठशालाएँ, विश्वविद्यालय और अस्पताल TTD द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

पर्यटन विभाग ने मंदिर निर्माण हेतु TTD के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव भेज दिया है। TTD के अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने बिहार सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि मोकामा में मंदिर निर्माण के लिए 99 वर्षों के लिए मात्र 1 रुपये के टोकन लीज पर भूमि उपलब्ध कराना बिहार के सांस्कृतिक विकास की दिशा में बड़ा कदम है।

जल्द ही दोनों पक्षों के बीच विस्तृत चर्चा शुरू होगी, जिसके बाद मंदिर निर्माण का मार्ग पूरी तरह प्रशस्त हो जाएगा। यह परियोजना बिहार के पर्यटन और धार्मिक महत्व को नई ऊँचाई देगी।

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