नई दिल्ली। देश के घरों को महंगाई से राहत मिलने लगी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के सितंबर 2025 के बाय-मंथली इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे ऑफ हाउसहोल्ड्स (IESH) में सामने आया है कि खाने-पीने और अन्य जरूरी सामान की कीमतों पर दबाव घट रहा है। हालांकि मौजूदा समय में महंगाई की धारणा थोड़ी बढ़ी हुई है।
यह सर्वे 28 अगस्त से 6 सितंबर के बीच देश के 19 बड़े शहरों में किया गया, जिसमें 6,082 लोगों ने हिस्सा लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, घरों ने फूड प्रोडक्ट्स, नॉन-फूड प्रोडक्ट्स, हाउसिंग और सर्विसेज की लागत में कुछ राहत महसूस की है।
📌 तीन महीनों और एक साल की महंगाई उम्मीद घटी
मौजूदा मीडियन महंगाई धारणा 20 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 7.4% हो गई।
अगले तीन महीनों की महंगाई उम्मीद 20 बेसिस पॉइंट्स घटकर 8.1% रह गई।
एक साल आगे की महंगाई उम्मीद 30 बेसिस पॉइंट्स घटकर 8.7% दर्ज की गई।
📌 कीमतें बढ़ने की आशंका रखने वालों की संख्या भी घटी
अगले तीन महीनों में कीमतें बढ़ने का अंदेशा जताने वालों की संख्या 79.5% से घटकर 77.8% हुई।
एक साल की अवधि में यह आंकड़ा 88.1% से घटकर 86.8% रह गया।
📌 उम्र और शहरों के हिसाब से अंतर
25 साल से कम उम्र के युवाओं ने सबसे कम महंगाई (7.0%) महसूस की।
60 साल से ऊपर के घरों में यह धारणा सबसे ज्यादा (7.9%) रही।
शहरों में कोलकाता में महंगाई की धारणा सबसे ऊंची 10.5% रही, उसके बाद मुंबई 8.5% और दिल्ली 8.0% पर रही।
आरबीआई ने साफ किया कि यह सर्वे केवल घरों की महंगाई की धारणा और उनके खरीदारी पैटर्न को दर्शाता है, न कि केंद्रीय बैंक की आधिकारिक राय को। फिर भी, यह रिपोर्ट आम लोगों के लिए राहत की खबर है कि महंगाई धीरे-धीरे काबू में आती दिख रही है, हालांकि सतर्क रहना अभी भी जरूरी है।