मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पर्व सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यही कारण है कि मकर संक्रांति हिंदू पंचांग की तिथि के आधार पर नहीं, बल्कि अंग्रेजी कैलेंडर की निश्चित तारीख पर मनाई जाती है—आमतौर पर 14 या 15 जनवरी को। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही धनु खरमास का अंत हो जाता है और एक महीने से रुके शुभ-मांगलिक कार्य फिर से प्रारंभ हो जाते हैं।
2026 में कब है मकर संक्रांति?
इस बार खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 14 जनवरी 2026 को समाप्त होगा। अतः साल 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य का मकर में गोचर नया शुभ समय लेकर आएगा।
पुण्यकाल और महापुण्यकाल
मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2026 में मकर संक्रांति का पुण्यकाल दोपहर 02:49 मिनट से 05:45 मिनट तक रहेगा। वहीं महापुण्यकाल दोपहर 02:49 मिनट से 03:42 मिनट तक शुभ माना गया है। इस दौरान गंगा स्नान, तिल दान और सूर्य पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति के बाद शुरू होंगी शादियां
खरमास समाप्त होते ही शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। हालांकि जनवरी 2026 में 14 जनवरी के बाद भी शुक्र तारा अस्त रहने के कारण विवाह योग्य मुहूर्त उपलब्ध नहीं होंगे। लेकिन 23 जनवरी को बसंत पंचमी, जिसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, शादियां बिना किसी विशेष मुहूर्त के की जा सकेंगी।
2026 के विवाह मुहूर्त
फरवरी: 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25, 26
मार्च: 1, 3, 4, 7, 8, 9, 11, 12
अप्रैल: 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29
मई: 1, 3, 5, 6, 7, 8, 13, 14
जून: 21 से 27, और 29 जून
जुलाई: 1, 6, 7, 11 जुलाई
नवंबर: 21, 24, 25, 26
दिसंबर: 2, 3, 4, 5, 6, 11, 12
मकर संक्रांति 2026 शुभ कार्यों की नई शुरुआत और नए उत्साह का पर्व लेकर आ रहा है।
