नई दिल्ली। भारत में बदलती जीवनशैली और आधुनिक पारिवारिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने रिटेल हेल्थ पॉलिसियों में बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब एक ही स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में भाई, बहन और लिव-इन पार्टनर को भी शामिल किया जा सकेगा। इससे पहले संयुक्त कवरेज का विकल्प केवल पति-पत्नी, बच्चों और माता-पिता तक ही सीमित था, जिसके कारण एक ही घर में रहने वाले कई लोग मजबूरी में अलग-अलग पॉलिसियां खरीदते थे।
हेल्थ इंश्योरेंस एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार का कहना है कि पारंपरिक ढांचा आज के भारतीय शहरी परिवारों की वास्तविक जरूरतों से मेल नहीं खाता था। बड़े शहरों में भाई-बहन का साथ रहना और युवा कपल्स का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना आम होता जा रहा है। ऐसे में इन परिवारों के लिए एक सिंगल जॉइंट हेल्थ पॉलिसी का विकल्प बेहद जरूरी महसूस किया जा रहा था। इसी आवश्यकता को देखते हुए कंपनियों ने बीमा कवरेज का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है।
पॉलिसीबाजार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रमुख सिद्धार्थ सिंगल ने इसे सेक्टर का अब तक का सबसे प्रगतिशील कदम बताया। उनके अनुसार, यह बदलाव भारतीय परिवारों की बदलती जिम्मेदारियों और रिश्तों को स्वीकार करता है, जहां स्वास्थ्य और वित्तीय निर्णय कई बार भाई-बहन या लिव-इन पार्टनर मिलकर लेते हैं।
बीमा कंपनियों का कहना है कि नए सदस्यों को शामिल करने के बावजूद पॉलिसियों की कवरेज क्वॉलिटी, एक्सक्लूजन नियम, वेटिंग पीरियड और अंडरराइटिंग प्रक्रिया पहले जैसी ही रहेगी। यानी परिवार का दायरा बढ़ने से बीमा लाभों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा। उपभोक्ताओं को केवल अधिक लचीलेपन का विकल्प मिलेगा।
फिलहाल आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने इस नए फीचर की शुरुआत कर दी है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि जल्द ही अन्य कंपनियां भी इस मॉडल को अपनाएंगी, क्योंकि आधुनिक फैमिली सेटअप को ध्यान में रखकर बने प्लानों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
यह बदलाव न केवल उपभोक्ताओं को सुविधा देगा बल्कि लंबी अवधि की हेल्थ सुरक्षा और प्रीमियम मैनेजमेंट को भी सरल बना देगा। एक ही पॉलिसी में पूरा घर कवर होने से अलग-अलग प्लान लेने की परेशानी खत्म होगी और हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच और उपयोगिता और बढ़ेगी।
