अरवल — जिले में बाल विवाह पर रोक लगाने और समाज में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को व्यापक रूप से संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी अरवल, श्रीमती अभिलाषा शर्मा के निर्देशानुसार यह जन-जागरूकता कार्यक्रम पूरे जिले में तेजी से चल रहा है। इसी क्रम में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिकाएं गांव-गांव जाकर लगातार घर-घर अभियान चला रही हैं और ग्रामीण परिवारों से संवाद स्थापित कर रही हैं।
अभियान के तहत परिवारों को बाल विवाह के दुष्परिणाम, उससे जुड़े कानूनी प्रावधानों तथा इस सामाजिक कुरीति से परिवार और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक घर में पहुंचकर अभिभावकों, किशोर-किशोरियों एवं समुदाय के अन्य सदस्यों को समझाया जा रहा है कि बाल विवाह न केवल अवैध है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर गंभीर प्रभाव डालता है।
अभियान के दौरान स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि यदि किसी भी संदेहास्पद स्थिति या संभावित बाल विवाह की जानकारी मिलती है तो तुरंत जिला प्रशासन या पुलिस को सूचित करें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
जिलाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए जनसहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, जीविका दीदी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि मिलकर अरवल को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करें।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग दें और समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
