Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर अटका फैसला, NDA और महागठबंधन दोनों खेमों में मचा घमासान

Satveer Singh
0

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधनों — राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (MGB) — में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अंतिम चरण में पहुंच गई है। लेकिन अब भी कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी है। दोनों खेमों में सहयोगियों को साधने और समीकरण बिठाने की कवायद ने नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है।

NDA में सीटों का समीकरण: JDU का पलड़ा भारी

एनडीए खेमे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) इस बार भी मजबूत स्थिति में दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, JDU को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से एक या दो सीटें अधिक मिल सकती हैं।
पिछले चुनाव में JDU ने 115 और BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार JDU करीब 100 सीटों पर और BJP लगभग 99 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
एनडीए के अन्य सहयोगी — चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हम (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) — को मिलाकर लगभग 40 सीटें दी जा सकती हैं।

चिराग पासवान बने एनडीए के लिए अहम किरदार

एनडीए में सबसे बड़ा पेच चिराग पासवान की सीटों को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें 20 से 25 सीटों का ऑफर दिया गया है, लेकिन चिराग 30 सीटों से कम पर तैयार नहीं हैं।
लोकसभा में अपनी पार्टी के 5 सांसदों के प्रदर्शन को देखते हुए वे विधानसभा में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यदि चिराग को मनपसंद सीटें नहीं मिलतीं तो वे केंद्र में अपने मंत्री पद को दांव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

महागठबंधन में भी उलझा गणित: साथी बढ़े, सीटें घट गईं

महागठबंधन में इस बार सहयोगियों की संख्या 6 से बढ़कर 8 हो गई है।
मुख्य दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, माले, CPI, CPM और VIP के अलावा अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) भी शामिल होने जा रही हैं।
समस्या यह है कि सीटें सीमित हैं, लेकिन दावेदार अधिक।
RJD, जो पिछली बार 144 सीटों पर लड़ी थी, अब करीब 125 सीटों पर ही चुनाव लड़ने की संभावना है। बाकी सीटें सहयोगियों में बांटनी होंगी।

कांग्रेस की मांग : सीट कम चलेगी, लेकिन चयन हमारा होगा

कांग्रेस इस बार पिछली बार की तरह 70 सीटों की मांग नहीं कर रही है, लेकिन उसने 62 से 64 सीटों पर दावा किया है।
पार्टी इस बार सीटों की संख्या से ज्यादा उनके चयन पर जोर दे रही है।
कांग्रेस ने अब तक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है, और इसके पीछे यही रणनीति बताई जा रही है — सीट वितरण में ज्यादा मोलभाव के लिए।

VIP और वाम दलों की कड़ी शर्तें

मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 60 सीटों की मांग रखी है और साफ कहा है कि उपमुख्यमंत्री पद पर कोई समझौता नहीं होगा।
वहीं, माले (CPIML), जिसने पिछले चुनाव में 19 सीटों पर लड़कर 12 जीती थीं, इस बार ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।
CPI और CPM को पिछली बार की तरह 10-10 सीटें मिलने की उम्मीद है।
इसी बीच, नए सहयोगी JMM और RLJP (पशुपति पारस गुट) को भी 3-4 सीटें देनी पड़ेंगी।

दोनों खेमों में सुलह की कोशिश जारी

दोनों गठबंधनों में फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर तकरार जारी है।
हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सभी मतभेद सुलझा लिए जाएंगे ताकि चुनाव की आधिकारिक घोषणा से पहले गठबंधन की तस्वीर स्पष्ट हो सके।
बिहार की राजनीति में यह तय है — 2025 का चुनाव गठबंधन की एकजुटता और सीटों के गणित पर निर्भर करेगा।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!