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बिहार की राजनीति में नई हलचल: नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की एंट्री के संकेत, JDU में बढ़ी चर्चाएँ

पटना। बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत होने के संकेत दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं। शुक्रवार शाम पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए निशांत ने न केवल जनता का धन्यवाद किया बल्कि यह भी संकेत दिया कि वे सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं। उनके साथ मौजूद वरिष्‍ठ जेडीयू नेता संजय झा ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी उनके शामिल होने की इच्छुक है।

निशांत ने दिया रोजगार और विकास का संदेश

पत्रकारों से बातचीत के दौरान निशांत कुमार ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में उनके पिता नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में नीतीश कुमार का लक्ष्य 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देना है और वह इसे पूरा करेंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक पटल पर उनकी संभावित भूमिका को और भी मजबूत किया है।

JDU में बढ़ी उम्मीदें, संजय झा ने किया समर्थन

निशांत के बातचीत खत्म होने के बाद संजय झा ने मीडिया से कहा,
“पार्टी के लोग, समर्थक और शुभचिंतक सभी चाहते हैं कि निशांत जी पार्टी में आकर काम करें। अब फैसला उन्हें करना है।”
इस बयान के बाद यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि पार्टी नेतृत्व और संगठन के भीतर निशांत की एंट्री को लेकर सकारात्मक माहौल है।

परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं नीतीश कुमार

नीतीश कुमार अब तक देश के उन गिने-चुने नेताओं में रहे हैं जिन्होंने परिवारवाद को स्पष्ट रूप से खारिज किया है। 20 वर्षों के लंबे शासन काल में उन्होंने अपने परिवार के किसी भी सदस्य को राजनीति में आने नहीं दिया। यही कारण है कि निशांत की संभावित राजनीतिक एंट्री को लेकर बिहार की राजनीति में उत्सुकता और चर्चा दोनों तेज हो गई हैं।

इसके उलट, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार राजनीति में सक्रिय रहा है। उनकी पत्नी राबड़ी देवी दो बार सीएम रहीं, दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी मंत्री पद संभाल चुके हैं, जबकि बेटी मीसा भारती लोकसभा सांसद हैं।

निशांत की संभावित एंट्री से जेडीयू के भीतर नई ऊर्जा आ सकती है और बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण बन सकता है।

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