58 हजार करोड़ के आर्थिक घोटाले का खुलासा: माल्या–नीरव समेत 15 भगोड़ों की संपत्ति से 19,187 करोड़ की वसूली
सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में आर्थिक अपराधियों की जो सूची खोली, वह किसी भारी अलमारी से गिरते पुराने दस्तावेज़ों जैसी थी—धूल झाड़ते ही देश की आंखें फैल गईं। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे चर्चित नाम तो हर घर की खबर बन चुके हैं, लेकिन असल तस्वीर इससे कहीं बड़ी और धुंधली है। कुल 15 आर्थिक भगोड़े, जिन्होंने भारतीय बैंकों से करीब 58,000 करोड़ रुपये का पैसा ले उड़े, अब देश की आर्थिक बहस का नया केंद्र बन गए हैं।
वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया कि फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर एक्ट-2018 के तहत इन सभी को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। यह वही कानून है जो देश की वित्तीय नसों में लगा जंग हटाने की कोशिश करता है—ऐसे अपराधियों की संपत्तियां जब्त कर उन्हें वापस देश लाने का कानूनी रास्ता खोलता है।
सरकार ने बताया कि बैंकों और जांच एजेंसियों ने पिछले कुछ वर्षों में तेज मोड में कार्रवाई की है। हवेलियों से लेकर ऊंची छत वाले फार्महाउस, हीरों से चमकती गाड़ियों से लेकर शहरों में बसे आलीशान घर—सबकी नीलामी का दौर जारी है। अब तक 19,187 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। तेज धूप में रखे कांच की तरह इन भगोड़ों की संपत्ति पिघल रही है और उसका तरल हिस्सा सीधे बैंकों तक लौट रहा है।
सबसे ज्यादा ध्यान विजय माल्या पर है, जिसने लगभग 22,065 करोड़ रुपये का कर्जा लेकर देश छोड़ दिया था। सरकार ने बताया कि उसकी संपत्तियों से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जा चुकी है—यह किसी बड़े पहाड़ के टूटकर नदी में गिरने जैसा है, जिससे कई बैंकों की सूखी धाराओं में फिर बहाव लौट आया है।
नीरव मोदी, जो पीएनबी घोटाले के बाद सुर्खियों की चकाचौंध से निकलकर लंदन की गलियों में छिप गया, उसकी संपत्तियों से 545 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। अभी भी करीब 9,111 करोड़ बाकी हैं, जिन पर एजेंसियों ने जाल कस रखा है।
सरकार का दावा है कि चाहे अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में हों, उन्हें वापस लाने का प्रयास जारी रहेगा। PMLA और FEOA के तहत एजेंसियों को पूरी ताकत दी गई है। संसद में सरकार की ओर से कहा गया कि “छिपने की जगहें घट रही हैं, और कानून की पहुंच हर दिशा में फैलती जा रही है।”
देश की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि अगली वसूली किस नाम से होगी—सूची लंबी है, लेकिन पीछा करने वाले कदम अब पहले से कहीं ज्यादा तेज़।