लखनऊ में NEET एडमिशन ठगी का बड़ा खुलासा: 50 से ज्यादा छात्र शिकार, 7 करोड़ की फर्जीवाड़े की जांच तेज
लखनऊ में नीट (NEET) अभ्यर्थियों को निशाना बनाकर की गई करोड़ों की ठगी ने छात्र-अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट दिलाने का झांसा देकर सक्रिय एक संगठित गिरोह ने अब तक 50 से अधिक छात्रों से सात करोड़ रुपये से ज्यादा ऐंठ लिए। ठगी का दायरा यूपी-बिहार तक फैला है और लखनऊ पुलिस अब इस नेटवर्क को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह मई–जून 2025 के बीच सक्रिय हुआ। आरोपितों ने स्टडीपाथ-वे नाम से विभूतिखंड स्थित एक निजी परिसर में दफ्तर खोला था। सबसे पहले उन्होंने NEET में कम अंक लाने वाले छात्रों का डेटा जुटाया और फिर उन्हें फोन कर कहा कि वे पैसे लेकर “पक्की सीट” दिला देंगे। गिरोह ने एक फर्जी वेबसाइट भी बनाई, जिससे विश्वसनीयता का भ्रम पैदा हो सके। अभिवन, संतोष कुमार समेत 8-10 लोग इस कार्यालय में सक्रिय थे।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, उनसे 50 से 60 लाख रुपये तक की मांग की गई। कई लोगों ने एडवांस में आधी रकम ट्रांसफर कर दी, जबकि कुछ ने नकद भुगतान कर रसीद भी ली। बाद में जब प्रवेश प्रक्रिया के नाम पर उन्हें ऑफिस, फ्लैट और होटलों में बुलाया गया, तो वहां नकली काउंसिलिंग करवाई गई। इससे पीड़ितों का भरोसा और मजबूत हो गया। इसके बाद जालसाजों ने मूल दस्तावेज तक अपने कब्जे में ले लिए।
लेकिन जब लंबे इंतजार के बाद भी कोई “अडमिशन लेटर” नहीं मिला और अभिभावक दफ्तर पहुंचे तो ऑफिस बंद मिला। फ्लैट और होटल भी खाली मिले। होटल प्रबंधन ने बताया कि कमरा सिर्फ दो दिन के लिए लिया गया था। तब पीड़ित समझ गए कि वे ठगे गए हैं।
डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि अब तक सात आधिकारिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन पीड़ितों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। पुलिस की दो टीमें सभी आरोपितों की तलाश में जुटी हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। साथ ही उस व्यक्ति या समूह का भी पता लगाया जा रहा है जिसने गिरोह को अभ्यर्थियों का डेटा उपलब्ध कराया।
लखनऊ पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि किसी भी “सीट की गारंटी” के दावे से सावधान रहें और मेडिकल कॉलेज प्रवेश से जुड़े सभी कार्य सिर्फ आधिकारिक पोर्टल और मान्य संस्थानों के माध्यम से ही करें।