गोपालपुर में सड़क बनी नाला, प्रशासन की चुप्पी से जनता बेहाल

Satveer Singh
0

मसौढ़ी (पटना): पटना जिले के मसौढ़ी अनुमंडल अंतर्गत तिनेरी पंचायत के गोपालपुर गांव में स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि पक्की सड़क घुटने भर पानी में डूबकर नाले में तब्दील हो गई है। पटना-गया रेलवे गुमटी नंबर 23 से लेकर पटना-डोभी हाइवे तक जाने वाली यह मुख्य सड़क पिछले दो महीनों से जलजमाव का शिकार है। इस सड़क का हाल देखकर यह कहना मुश्किल है कि यह पक्की सड़क है या गंदा नाला।

लगभग पांच हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र के लोग आए दिन जलजमाव से जूझ रहे हैं। मोटरसाइकिल और वाहनों को पानी से निकालते समय हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है। गंदा और बदबूदार पानी आसपास के घरों में प्रदूषण फैला रहा है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

दलित और हरिजन मोहल्ला प्रभावित
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह जलजमाव मुख्य रूप से दलित और हरिजन मोहल्ले में है, जो शायद इस समस्या की अनदेखी का कारण बन गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए इस रास्ते से गुजरना रोजमर्रा की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने कई बार अनुमंडल पदाधिकारी (SDO), स्थानीय विधायिका और मुखिया तक गुहार लगाई। अधिकारी मौके पर पहुंचे, जांच की और आश्वासन भी दिया, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हताश होकर लोगों ने मुख्यमंत्री को ईमेल भी किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

मानसून में बढ़ा खतरा
अब जब मानसून की बारिश शुरू हो गई है, तो ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्हें डर है कि कहीं यह गंदा पानी उनके घरों में घुसकर तबाही न मचा दे। स्थानीय निवासी प्रशासन से पूरी तरह निराश हो चुके हैं और कहते हैं कि शायद अब भगवान ही उनका सहारा हैं।

यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता और असंवेदनशीलता का जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीणों का सवाल है कि जब अधिकारी जांच कर चुके हैं, तो अब तक समाधान क्यों नहीं किया गया? क्या दलित बस्ती होने के कारण इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है?

ग्रामीण उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब उन्हें इस "सड़क वाले नाले" से मुक्ति मिलेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!