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CBI की बड़ी कार्रवाई: रक्षा मंत्रालय के सीनियर अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा रिश्वतखोरी में गिरफ्तार, 2.36 करोड़ नकद बरामद

देश की सुरक्षा से जुड़े रक्षा मंत्रालय में रिश्वतखोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय में तैनात भारतीय सेना के सीनियर अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई ने न सिर्फ सुरक्षा प्रतिष्ठान को हिला दिया है, बल्कि सिस्टम में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

CBI ने इस मामले में विनोद कुमार नाम के एक निजी व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है, जिस पर रिश्वत की रकम पहुंचाने का आरोप है। जांच एजेंसी के अनुसार यह पूरा मामला रक्षा उत्पादन, मैन्युफैक्चरिंग और इंटरनेशनल एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों को अवैध लाभ पहुंचाने से संबंधित है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना जा रहा है।


कैसे हुआ खुलासा: 19 दिसंबर को दर्ज हुआ था मामला

CBI अधिकारियों के मुताबिक, 19 दिसंबर 2025 को एजेंसी ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर केस दर्ज किया था। इस सूचना में बताया गया था कि रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले कुछ सरकारी अधिकारी और प्राइवेट कंपनियां मिलकर गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।

सूचना की गंभीरता को देखते हुए CBI ने तुरंत निगरानी शुरू की और लेन-देन से जुड़े सबूत जुटाए। जांच के दौरान यह सामने आया कि लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा कथित तौर पर कुछ डिफेंस कंपनियों से रिश्वत की मांग कर रहे थे और बदले में उन्हें गलत तरीके से फायदा पहुंचा रहे थे।


रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया अधिकारी

CBI की टीम ने ट्रैप लगाकर लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा को बेंगलुरु स्थित एक डिफेंस कंपनी से 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एजेंसी के मुताबिक, इस कंपनी के भारतीय ऑपरेशंस राजीव यादव और रवजीत सिंह संभाल रहे थे, जो कथित तौर पर लंबे समय से शर्मा के संपर्क में थे।

विनोद कुमार पर आरोप है कि उसने 18 दिसंबर को कंपनी के कहने पर रिश्वत की रकम शर्मा तक पहुंचाई थी। इसी आधार पर CBI ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।


छापेमारी में करोड़ों की नकदी बरामद

गिरफ्तारी के बाद CBI ने दिल्ली में लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी को 3 लाख रुपये की रिश्वत की रकम के अलावा 2.23 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।

इसके साथ ही राजस्थान के श्री गंगानगर में स्थित शर्मा की पत्नी के घर से भी 10 लाख रुपये कैश जब्त किए गए हैं। कुल मिलाकर इस मामले में 2.36 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद होना, भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।


कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा?

लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा भारतीय सेना के अधिकारी हैं और वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग में डिप्टी प्लानिंग ऑफिसर (इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एक्सपोर्ट्स) के पद पर तैनात थे। यह पद बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग और सैन्य उपकरणों के निर्यात से जुड़े फैसले प्रभावित होते हैं।

शर्मा नई दिल्ली में रहते हैं, जबकि उनका पैतृक संबंध राजस्थान के श्री गंगानगर से बताया जा रहा है। उनकी उम्र करीब 40 से 45 वर्ष के बीच बताई जा रही है।


पत्नी का नाम भी जांच के दायरे में

इस हाई-प्रोफाइल मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा की पत्नी, कर्नल काजल बाली का नाम भी सामने आया है। वे राजस्थान के श्री गंगानगर में 16वीं इन्फैंट्री डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट (DOU) की कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं।

CBI ने उनके खिलाफ भी आपराधिक साजिश और रिश्वतखोरी के आरोपों में मामला दर्ज किया है, हालांकि फिलहाल उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि बरामद नकदी और कथित अवैध लेन-देन में उनकी भूमिका कितनी थी।


दुबई की कंपनी से भी जुड़े हैं तार

CBI की एफआईआर के मुताबिक, इस पूरे मामले में दुबई की एक कंपनी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। आरोप है कि इंटरनेशनल डिफेंस एक्सपोर्ट से जुड़े सौदों में कुछ विदेशी कंपनियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत ली जा रही थी।

जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का घोटाला है।


राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल

रक्षा मंत्रालय से जुड़े इस रिश्वतखोरी मामले को विशेषज्ञ देश की सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ मान रहे हैं। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार न सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि रणनीतिक फैसलों को भी प्रभावित करता है।

CBI अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच अभी शुरुआती दौर में है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।


आगे क्या?

CBI ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है और रिमांड की मांग की जा सकती है। एजेंसी अब बैंक खातों, प्रॉपर्टी डिटेल्स और विदेशों से जुड़े लेन-देन की भी गहन जांच कर रही है।

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, कानून की पकड़ से बाहर नहीं है। रक्षा मंत्रालय से जुड़ा यह केस आने वाले दिनों में देश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भी बड़ी हलचल मचा सकता है।

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