Car Engine Oil Tips: समय पर इंजन ऑयल बदलना क्यों है जरूरी, जानें पूरी जानकारी
नई दिल्ली। कार की बेहतरीन परफॉर्मेंस और इंजन की लंबी उम्र के लिए इंजन ऑयल की भूमिका बेहद अहम होती है। इंजन ऑयल न सिर्फ इंजन के पुर्जों को चिकनाई देता है, बल्कि घर्षण कम करके ओवरहीटिंग से भी बचाता है। ऐसे में समय पर इंजन ऑयल न बदलना आपकी गाड़ी के लिए महंगा साबित हो सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि इंजन ऑयल कब और किन बातों को ध्यान में रखकर बदलना चाहिए।
मैन्युफैक्चरर की सलाह सबसे अहम
हर कार कंपनी अपने वाहन के साथ यूजर मैनुअल देती है, जिसमें साफ तौर पर बताया जाता है कि इंजन ऑयल कितने किलोमीटर या कितने समय बाद बदलना चाहिए। आमतौर पर यह अवधि 5,000 से 10,000 किलोमीटर या 6 महीने से 1 साल के बीच होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मैनुअल में दी गई सलाह का पालन करने से इंजन सुरक्षित रहता है।
ड्राइविंग कंडीशन पर भी रखें नजर
अगर आपकी ड्राइविंग सामान्य शहर या हाईवे पर होती है, तो आप तय समय या किलोमीटर के अनुसार ऑयल बदल सकते हैं। वहीं, यदि आप ज्यादा ट्रैफिक, धूलभरे इलाकों, पहाड़ी रास्तों या खराब सड़कों पर गाड़ी चलाते हैं, तो इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में इंजन ऑयल जल्दी बदलना बेहतर होता है।
ऑयल के प्रकार से तय होता है इंटरवल
इंजन ऑयल के प्रकार के अनुसार भी बदलाव का समय अलग होता है।
- मिनरल ऑयल: हर 5,000 किलोमीटर पर बदलना जरूरी।
- सिंथेटिक ऑयल: 7,500 से 10,000 किलोमीटर तक चल सकता है।
आजकल ज्यादातर नई कारों में सिंथेटिक ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह ज्यादा टिकाऊ और बेहतर परफॉर्मेंस देता है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
अगर इंजन ऑयल का रंग बहुत काला या गाढ़ा हो जाए, इंजन से ज्यादा आवाज आने लगे या माइलेज में अचानक गिरावट दिखे, तो तुरंत ऑयल बदलवाना चाहिए। इन संकेतों को नजरअंदाज करने से इंजन को गंभीर नुकसान हो सकता है।
देरी पड़ सकती है भारी
समय पर इंजन ऑयल न बदलने से इंजन में घर्षण बढ़ता है, जिससे बड़े खर्च और महंगी मरम्मत की नौबत आ सकती है। खासतौर पर SUV और ज्यादा इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों में तय समय पर ऑयल बदलना बेहद जरूरी है।
कुल मिलाकर, सही समय पर इंजन ऑयल बदलना न सिर्फ आपकी कार को सुरक्षित रखता है, बल्कि ड्राइविंग एक्सपीरियंस को भी बेहतर बनाता है।