अरवल सदर अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही का आरोप, परिजनों का विरोध
अरवल। जिले के सदर अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र बनने को लेकर लापरवाही और अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, अरवल सदर अस्पताल में 27 सितंबर 2025 को एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया था। निर्धारित प्रक्रिया के तहत परिजनों ने दो दिन बाद सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी दे दिया। लेकिन काफी दिनों तक इंतजार के बाद जब परिजनों ने संबंधित ऑपरेटर प्रवीण कुमार से संपर्क किया, तो बताया गया कि “जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया”।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेटर प्रवीण कुमार ने कई बार अनुरोध और दस्तावेज दिखाने के बावजूद जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया। जब परिजनों ने कारण पूछा, तो ऑपरेटर ने ऊंची आवाज में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि “सिस्टम में खुद खोज लीजिए।” आरोप यह भी लगाया गया कि उसने कंप्यूटर को घुमाकर परिजनों से तंज भरे लहजे में कहा कि “शायद आप लोगों ने पैसा नहीं दिया होगा, इसलिए प्रमाण पत्र नहीं बना।”
इस कथित बयान ने परिजनों में आक्रोश पैदा कर दिया। परिजनों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अरवल सदर अस्पताल में सरकारी सेवाओं के बदले पैसा लिया जाता है? यदि हाँ, तो यह गंभीर भ्रष्टाचार का मामला है।
स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाया है कि सदर अस्पताल में कई बार कर्मचारियों द्वारा ऊंची आवाज में बात करने और पैसे की मांग करने की शिकायतें सामने आती रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। परिजनों ने इस घटना की घोर निंदा की है और जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है।
फिलहाल, परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही मामले की निष्पक्ष जांच होगी और बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि आगे की आवश्यक प्रक्रियाओं में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेटर प्रवीण कुमार ने कई बार अनुरोध और दस्तावेज दिखाने के बावजूद जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया। जब परिजनों ने कारण पूछा, तो ऑपरेटर ने ऊंची आवाज में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि “सिस्टम में खुद खोज लीजिए।” आरोप यह भी लगाया गया कि उसने कंप्यूटर को घुमाकर परिजनों से तंज भरे लहजे में कहा कि “शायद आप लोगों ने पैसा नहीं दिया होगा, इसलिए प्रमाण पत्र नहीं बना।”
इस कथित बयान ने परिजनों में आक्रोश पैदा कर दिया। परिजनों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अरवल सदर अस्पताल में सरकारी सेवाओं के बदले पैसा लिया जाता है? यदि हाँ, तो यह गंभीर भ्रष्टाचार का मामला है।
स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाया है कि सदर अस्पताल में कई बार कर्मचारियों द्वारा ऊंची आवाज में बात करने और पैसे की मांग करने की शिकायतें सामने आती रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। परिजनों ने इस घटना की घोर निंदा की है और जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है।
फिलहाल, परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही मामले की निष्पक्ष जांच होगी और बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि आगे की आवश्यक प्रक्रियाओं में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
साक्ष्य: अजय कुमार (दैनिक भास्कर डिजिटल)
सतवीर सिंह (RTI BIHAR NEWS)