महाराष्ट्र में अंतरजातीय प्रेम की त्रासदी: प्रेमी की हत्या, शव से विवाह और अब आंचल का चौंकाने वाला बयान
“पुलिसवालों ने कहा—क्यों नहीं अपनी बहन के प्रेमी को मार देते?”
आंचल के अनुसार, उसके परिवार का लंबे समय से आपराधिक इतिहास है और पुलिसकर्मियों धीरज कोमलकर तथा महीत असरवार से घरवालों की जान-पहचान थी।
आंचल ने बताया—
“मेरा भाई मुझे 11 बजे थाने ले गया और मुझ पर सक्षम के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने का दबाव डाला। मैंने मना कर दिया। तभी पुलिसवालों ने मेरे भाई से कहा—तुम लोग हत्या करके थाने आते ही रहते हो, एक हत्या और कर दो... अपनी बहन के बॉयफ्रेंड को क्यों नहीं मार देते?”
उसके अनुसार, भाई ने वहीं कहा—“ठीक है, अब मैं उसे मारकर ही आऊंगा।”
आंचल का कहना है कि वह सुनकर स्तब्ध रह गई—“मुझे यकीन नहीं हुआ कि पुलिस कुछ ऐसा कह सकती है।”
इंस्टाग्राम पर शुरू हुआ प्यार, घरवालों की सहमति का भ्रम
आंचल और सक्षम पिछले तीन साल से रिश्ते में थे। आंचल ने बताया कि उसकी मुलाकात सक्षम से इंस्टाग्राम पर हुई थी, न कि किसी भाई की पहचान से।
वह कहती है, “मेरे परिवार वाले सक्षम से मिलते थे, उसके साथ खातेपीते थे। वे बार-बार कहते थे कि उन्हें कोई समस्या नहीं है। हम खुश थे, और मुझे विश्वास था कि शादी हो जाएगी।”
लेकिन अचानक परिवार ने रुख बदल दिया। आंचल खुद भी विशेष पिछड़ी जाति से है। उसने बताया कि घरवालों ने सक्षम को ‘जय भीम वाला’ कहकर उसकी दलित पहचान पर घृणा जताई।
एक दिन पिता ने स्पष्ट कहा—“अगर शादी करनी है तो सक्षम को हमारी जाति में आना होगा।”
आंचल के अनुसार सक्षम इसके लिए भी तैयार था, “पर मुझे नहीं पता कि आखिरी वक्त में क्या बिगड़ गया।”
कहां से शुरू हुई हिंसा
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार शाम पुराने गंज क्षेत्र में हिमेश मामिडवार की सक्षम से बहस हो गई। इसी दौरान हिमेश ने गोली चलाई, जो सक्षम की पसलियों को चीरती हुई निकल गई। इसके बाद उसने टाइल से सिर पर वार किया, जिससे सक्षम की मौके पर ही मौत हो गई।
शव से विवाह—प्रेम की अंतिम पुकार
अगले दिन शाम को जब सक्षम का अंतिम संस्कार तय था, तभी आंचल वहां पहुंच गई। उसने रोते हुए मृत प्रेमी का हाथ पकड़कर शव से विवाह कर लिया। आंचल का कहना था—“इससे हमारा प्रेम अमर हो जाएगा।”
इस दृश्य ने पूरे शहर में सन्नाटा फैला दिया। भीड़ की आंखें नम थीं और हवा में एक अजीब-सी खामोशी तैर रही थी—जिसमें प्रेम का वादा, जाति का ज़हर और इंसाफ की उम्मीद सब घुल गए थे।
अब जांच में नया मोड़
आंचल के आरोपों ने पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यदि उसके बयान सही पाए जाते हैं, तो यह मामला सिर्फ सम्मान-हत्या नहीं, बल्कि पुलिस-प्रेरित हत्या का रूप ले सकता है।
जांच एजेंसियां अब पुलिसकर्मियों की भूमिका, परिवार की साजिश और हत्या की पृष्ठभूमि की पड़ताल कर रही हैं।
यह कहानी सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के उन घावों का आईना है जो जाति और सत्ता की आग में आज भी धधकते हैं।