अरवल में ज़मीनी हकीकत से रू-ब-रू हुई डीएम अमृषा बैंस, पंचायत भवन से सोन नदी तट तक विकास कार्यों का लिया जायजा
अरवल। जिले में सरकारी योजनाओं और बुनियादी सुविधाओं की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिला पदाधिकारी अरवल श्रीमती अमृषा बैंस सोमवार को खुद मैदान में उतरीं। उन्होंने जिला के सकरी पंचायत अंतर्गत दुना छपरा स्थित विभिन्न जनोपयोगी और विकासात्मक स्थलों का गहन निरीक्षण किया। यह निरीक्षण सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि योजनाओं की जमीनी सच्चाई को परखने और कमियों को तुरंत दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान पंचायत सरकार भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई, खेल मैदान और जीविका भवन जैसे अहम स्थलों का क्रमवार अवलोकन किया गया। डीएम ने साफ कहा कि कागज़ों में नहीं, बल्कि मैदान में दिखने वाला विकास ही प्रशासन की प्राथमिकता है।
पंचायत सरकार भवन: सुविधाएं हैं या नहीं, जवाबदेही तय
डीएम श्रीमती अमृषा बैंस ने पंचायत सरकार भवन का निरीक्षण करते हुए वहां उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं, साफ-सफाई, रिकॉर्ड संधारण और आम लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित कर्मियों को निर्देश दिया कि पंचायत स्तर पर आने वाले नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंचायत सरकार भवन ग्रामीण शासन की पहली कड़ी है, इसलिए यहां पारदर्शिता, समयबद्धता और संवेदनशीलता अनिवार्य है।
आंगनबाड़ी केंद्र: बच्चों के पोषण से कोई समझौता नहीं
निरीक्षण के दौरान डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं, पोषण आहार वितरण, पंजी संधारण और उपस्थिति की भी जांच की। उन्होंने पाया कि कुछ जगहों पर व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है।
डीएम ने निर्देश दिया कि बच्चों के पोषण, स्वच्छता और शिक्षा से जुड़ी किसी भी योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आंगनबाड़ी सेविकाओं को नियमित निगरानी और सही रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए।
अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई: स्वच्छता को और प्रभावी बनाने पर ज़ोर
ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के निरीक्षण के क्रम में डीएम ने कचरा प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कचरे के पृथक्करण, नियमित संचालन और स्वच्छता मानकों के पालन पर विशेष ज़ोर दिया।
डीएम ने कहा कि स्वच्छता सिर्फ अभियान नहीं, बल्कि स्थायी आदत बननी चाहिए। इसके लिए पंचायत स्तर पर लोगों की भागीदारी भी जरूरी है।
खेल मैदान: युवाओं के लिए बेहतर सुविधाओं का निर्देश
खेल मैदान के निरीक्षण के दौरान डीएम ने मैदान की समतलीकरण, खेल सुविधाओं के विकास और नियमित रख-रखाव को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं का विकास युवाओं को सकारात्मक दिशा देता है और नशा व अपराध से दूर रखता है।
सोन नदी तट: सौंदर्यीकरण और पार्क विकास की योजना
निरीक्षण के दौरान डीएम ने सोन नदी के किनारे स्थित स्थलों के सौंदर्यीकरण और पार्क के समग्र विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। नदी तट पर हरियाली विकास, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छ वातावरण के निर्माण पर विशेष बल दिया गया।
उन्होंने कहा कि यदि नदी तट का सही ढंग से विकास किया जाए तो यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
जीविका भवन: महिला सशक्तिकरण की प्रगति की समीक्षा
जीविका भवन के निरीक्षण के दौरान डीएम ने स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों, भवन की उपयोगिता और रख-रखाव की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि महिलाएं अगर आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो परिवार और समाज दोनों मजबूत होंगे।
अधिकारियों को सख्त निर्देश: गुणवत्ता और पारदर्शिता से समझौता नहीं
निरीक्षण के अंत में जिला पदाधिकारी ने संबंधित सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। विकासात्मक कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया, ताकि आम जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके।
क्यों अहम है यह निरीक्षण?
- योजनाओं की जमीनी हकीकत सामने आई
- लापरवाह व्यवस्था पर सख्त संदेश
- स्वच्छता, खेल, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण पर फोकस
- ग्रामीण विकास को नई दिशा देने की कोशिश
निष्कर्ष:
डीएम अनुपमा बेन्स का यह निरीक्षण साफ संकेत देता है कि अरवल प्रशासन अब फाइलों से निकलकर फील्ड में काम करने के मूड में है। अगर दिए गए निर्देशों का सही तरीके से पालन हुआ, तो आने वाले समय में जिले के ग्रामीण इलाकों में विकास की तस्वीर बदलती नजर आ सकती है।