जया बच्चन के बयान ने छेड़ी नई बहस: ‘‘नातिन नव्या को शादी न करने दूं’’—विवाह को बताया आउटडेटेड
बॉलीवुड की वरिष्ठ अभिनेत्री और राज्यसभा सांसद जया बच्चन एक बार फिर अपने बेबाक बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। हाल ही में “We The Women” इवेंट में दिए गए उनके बयान ने सोशल मीडिया से लेकर सामाजिक हलकों तक बहस छेड़ दी है। जया बच्चन ने मंच से साफ कहा कि वह नहीं चाहतीं कि उनकी नातिन, नव्या नवेली नंदा, शादी करें। इस बयान ने पारंपरिक विवाह व्यवस्था पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
विवाह को बताया आउटडेटेड
इवेंट में बातचीत के दौरान जया बच्चन ने कहा कि आज के समय में “शादी काफी हद तक आउटडेटेड हो चुकी है।” उनका कहना था कि युवा पीढ़ी करियर, स्वतंत्रता और निजी विकास को प्राथमिकता दे रही है, और शादी उनके फैसलों में पहले जैसी केंद्रीय भूमिका नहीं निभाती।
उनके इस बयान ने यह चर्चा तेज कर दी है कि क्या आधुनिक समाज में विवाह की अहमियत कम हो रही है या यह सिर्फ बदलते समय की नई परिभाषा है।
नातिन नव्या को शादी न करने की सलाह
जब जया बच्चन से पूछा गया कि क्या वह चाहती हैं कि उनकी नातिन शादी करे, उन्होंने बिना झिझक जवाब दिया — “नहीं।”
उन्होंने कहा कि आज के बच्चे इतने सक्षम और आत्मनिर्भर हैं कि वे अपने फैसले खुद लेने में सक्षम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शादी कर लेने से करियर की गति रुकनी जरूरी नहीं, लेकिन कई बार समाज इसे एक अनदेखी बाधा बना देता है।
जया के अनुसार, उनकी उम्र अब इतनी हो चुकी है कि युवा महिलाओं को जीवन और मातृत्व के बारे में सलाह देना उन्हें सही नहीं लगता।
"शादी का लड्डू" वाली टिप्पणी हुई वायरल
वार्ता के दौरान जया बच्चन ने विवाह की तुलना उस लोकप्रिय कहावत से की जिसे अक्सर मज़ाक में कहा जाता है — “शादी का लड्डू, जो खाए वह भी परेशान और जो न खाए वह भी पछताए।”
उनकी यह टिप्पणी युवाओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच तेजी से वायरल हो गई है।
क्या युवाओं के लिए कम हो गया है विवाह का महत्व?
जया बच्चन का बयान ऐसे समय में आया है जब शहरी युवाओं के बीच रिश्तों की परिभाषा तेजी से बदल रही है। लिव-इन रिलेशनशिप, डेटिंग कल्चर और करियर-प्राथमिकता ने पारंपरिक विवाह के मॉडल को चुनौती दी है।
उनके बयान ने एक पुराना प्रश्न फिर ताजा कर दिया है — क्या आज की पीढ़ी के लिए शादी एक विकल्प भर रह गई है?
फिलहाल, जया बच्चन की टिप्पणी पर समाज के अलग-अलग वर्गों की प्रतिक्रियाएं जारी हैं, और चर्चा का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।