बेंगलुरु: आर्थिक तंगी से टूटा पूरा परिवार, मां-बेटे और दादी की मौत ने शहर को झकझोरा – पुलिस कर रही जांच
बेंगलुरु में मंगलवार को सामने आई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। साउथ-ईस्ट डिवीजन अंतर्गत आने वाले एक घर में तीन लोगों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतकों की पहचान 14 वर्षीय मौनीश, उसकी 38 वर्षीय मां सुधा और 68 वर्षीय दादी मुद्धम्मा के रूप में की गई है। प्रारंभिक जांच में आशंका है कि बच्चे को पहले जहर दिया गया और बाद में दोनों महिलाओं ने भी जहर खाकर आत्महत्या की। घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी सारा फातिमा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं और पूरे घर की बारीकी से जांच की।
सूत्रों के अनुसार, परिवार मूल रूप से तमिलनाडु का रहने वाला था और बेंगलुरु में किराए के मकान में रह रहा था। रविवार को यह परिवार धर्मपुरी के एक मंदिर भी गया था। मृतक मौनीश 7वीं कक्षा का छात्र था और पढ़ाई में होनहार माना जाता था। डीसीपी ने बताया कि पुलिस को आपातकालीन नंबर 112 पर एक कॉल मिला था, जिसमें घर में तीन लोगों के शव पड़े होने की जानकारी दी गई। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
पुलिस की शुरुआती तहकीकात में सामने आया है कि परिवार लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा था। सुधा और उनकी मां मुद्धम्मा पहले एक छोटा होटल चलाती थीं, जहां वे बिरयानी बेचती थीं। घाटा बढ़ने पर उन्होंने यह काम बंद कर दिया और चिप्स व दूध बेचने का छोटा व्यवसाय शुरू किया, लेकिन यह काम भी ज्यादा चल नहीं पाया। इसके बाद गृहकार्य करने के बावजूद उन पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता गया। हालात इतने बदतर हो गए कि मानसिक दबाव ने दोनों को तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले सुधा के पति ने उसे छोड़ दिया था, जिसके बाद मां-बेटे और दादी ही एक-दूसरे का सहारा थे।
इससे पहले भी 15 सितंबर को बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान एक दंपति द्वारा अपने बच्चों की हत्या और आत्महत्या के प्रयास का मामला सामने आया था। लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों ने प्रशासन की चिंता और गहरी कर दी है। पुलिस इस पूरे मामले में सभी पहलुओं से जांच कर रही है।