Male Pattern Baldness: कम उम्र में गंजेपन से परेशान पुरुषों के लिए बड़ी खबर, 30 साल बाद दिखी उम्मीद की किरण
आज के समय में पुरुषों में गंजेपन (Male Pattern Baldness) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान, तनाव, प्रदूषण और जेनेटिक्स ने मिलकर बालों की सेहत पर गहरा असर डाला है। सबसे ज्यादा चिंता तब होती है जब 20–30 साल की उम्र में ही सिर से बाल गायब होने लगते हैं। मेडिकल भाषा में इसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic Alopecia) कहा जाता है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, मेल पैटर्न बाल्डनेस आमतौर पर लेट 20s या 30s की शुरुआत में दिखने लगती है। इसमें बाल झड़ने के बाद दोबारा उगते नहीं हैं, जिससे गंजापन स्थायी बन जाता है।
कैसे बढ़ता है मेल पैटर्न बाल्डनेस?
मेल पैटर्न बाल्डनेस अचानक नहीं होता, बल्कि यह 7 स्टेज में धीरे-धीरे बढ़ता है।
- पहली स्टेज: बाल झड़ना न के बराबर, हेयरलाइन सामान्य
- दूसरी स्टेज: माथे और कानों के पीछे से बाल झड़ना शुरू
- तीसरी स्टेज: हेयरलाइन पीछे हटती है, ‘M’ या ‘U’ शेप दिखने लगती है
- चौथी स्टेज: सिर के बीच (क्राउन) से बाल झड़ना
- पांचवीं स्टेज: सामने की हेयरलाइन और क्राउन का गंजापन जुड़ने लगता है
- छठी स्टेज: ऊपर के लगभग सारे बाल खत्म
- सातवीं स्टेज: सिर्फ किनारों पर पतली बालों की पट्टी बचती है
गंजेपन की दवाओं पर बड़ा अपडेट
अब तक बाजार में मौजूद कई दवाइयों और ट्रीटमेंट्स ने गंजापन ठीक करने का दावा किया, लेकिन ठोस नतीजे नहीं मिले। हालांकि अब Clascoterone नाम की दवा ने उम्मीद जगा दी है।
31 नवंबर 2025 को आयरलैंड की Cosmo Pharmaceuticals ने इस दवा के Phase-III ट्रायल के नतीजे घोषित किए। ट्रायल में 1,500 पुरुषों को दो ग्रुप में बांटा गया—एक को प्लेसीबो और दूसरे को क्लासकोटेरोन दी गई।
539% तक दिखा सुधार
कंपनी के मुताबिक:
- पहले ट्रायल में 539% सुधार
- दूसरे ट्रायल में 168% सुधार दर्ज हुआ
इतना ही नहीं, कंपनी का दावा है कि दवा सुरक्षित और सहन करने योग्य पाई गई है, यानी गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे।
30 साल बाद पहली असरदार दवा?
उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक इसे FDA की मंजूरी मिल सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह पिछले 30 सालों में मेल पैटर्न बाल्डनेस के इलाज की पहली नई दवा होगी।
दिलचस्प बात यह है कि इसी दवा को साल 2020 में मुहांसों (Acne) के इलाज के लिए FDA की मंजूरी मिल चुकी है।
गंजेपन से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए राहत
अगर क्लासकोटेरोन को मंजूरी मिलती है, तो हेयर ट्रांसप्लांट, महंगे ट्रीटमेंट और झूठे दावों पर पैसा खर्च कर रहे लाखों पुरुषों को बड़ी राहत मिल सकती है।
👉 निष्कर्ष:
कम उम्र में गंजापन अब सिर्फ कॉस्मेटिक नहीं, बल्कि मानसिक तनाव की बड़ी वजह बन चुका है। ऐसे में यह नई दवा भविष्य में गंजेपन के इलाज की तस्वीर बदल सकती है। अब सबकी नजर FDA के फैसले पर टिकी है।