Gold–Silver Price: क्यों आसमान छू रहे हैं सोने-चांदी के दाम? सरकार ने लोकसभा में बताई बड़ी वजह
नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों से सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेज़ी देखने को मिल रही है, जिसने आम लोगों से लेकर निवेशकों तक की चिंता बढ़ा दी है। अब सरकार ने इस उछाल की साफ वजह बता दी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता ही सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
मंत्री ने बताया कि जब दुनिया में युद्ध जैसे हालात, मंदी की आशंका या आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे विकल्पों से पैसा निकालकर सोने-चांदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं। इससे इन कीमती धातुओं की मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर चली जाती हैं।
इसके साथ ही दुनियाभर के केंद्रीय बैंक और बड़े वित्तीय संस्थान भी भारी मात्रा में सोने की खरीद कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग और मजबूत हुई है।
भारत में कीमतें कैसे तय होती हैं?
सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत में सोने और चांदी की कीमतें सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर और देश में लागू टैक्स व शुल्क पर निर्भर करती हैं। सरकार इनकी कीमत तय नहीं करती, बल्कि बाजार के हिसाब से ही दाम तय होते हैं।
हर किसी पर असर एक जैसा नहीं
मंत्री ने यह भी कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का असर सभी राज्यों और वर्गों पर एक जैसा नहीं पड़ता। देश के अलग-अलग हिस्सों में सोना-चांदी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से अलग महत्व रखते हैं। हालांकि जिन परिवारों के पास पहले से सोना-चांदी मौजूद है, उनके लिए यह बढ़ोतरी संपत्ति के मूल्य में इजाफा लेकर आई है।
आयात के आंकड़े क्या कहते हैं?
आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक भारत ने करीब 26.51 अरब डॉलर का सोना और 3.21 अरब डॉलर की चांदी आयात की है। यह देश में सोने-चांदी की मजबूत मांग को दर्शाता है।
👉 कुल मिलाकर, वैश्विक हालात और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की बढ़ती चाहत ने सोने-चांदी के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिए हैं, और आने वाले समय में भी कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।