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लंदन भेजे गए शवों में मिले खतरनाक रसायन, कोरोनर की रिपोर्ट ने जताई गंभीर चिंता

लंदन/अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे से जुड़ा एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। लंदन के वेस्टमिंस्टर सार्वजनिक शवगृह में जब ब्रिटेन भेजे गए शवों को संभाला जा रहा था, तब वहां के कर्मचारियों को ‘‘खतरनाक रूप से उच्च’’ स्तर के विषाक्त रसायनों का सामना करना पड़ा। यह जानकारी हादसे की जांच का नेतृत्व कर रहीं वरिष्ठ कोरोनर प्रोफेसर फियोना विलकॉक्स ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दी है।

इस विमान दुर्घटना में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। इन मृतकों के शव ब्रिटेन भेजे गए थे। कोरोनर विलकॉक्स ने ‘भविष्य में मौतों की रोकथाम संबंधी रिपोर्ट’ जारी करते हुए बताया कि शवगृह में लाए गए शवों में फॉर्मलिन की अत्यधिक मात्रा पाई गई। फॉर्मलिन एक अत्यंत विषाक्त रसायन है, जो श्वसन तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि जब शवों के ताबूत खोले गए और पट्टियां हटाई गईं, तब शवगृह में फॉर्मलिन के अलावा कार्बन मोनोक्साइड और सायनाइड की भी खतरनाक मात्रा मिली। यह स्थिति वहां काम कर रहे कर्मचारियों के लिए सीधे जीवन के खतरे जैसी थी। विलकॉक्स के अनुसार, शवों को जिस तरीके से संरक्षित कर विदेश से भेजा गया, वह अत्यधिक असुरक्षित था और इससे शवगृह कर्मियों की जान को खतरा पहुंचा।

विलकॉक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “शवगृहों में फॉर्मलिन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं है। यह खतरा न केवल स्टाफ के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो शवगृह का उपयोग करते हैं।” उन्होंने इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता जताई और स्पष्ट किया कि अभी तक किसी भी मृतक की औपचारिक इनक्वेस्ट सुनवाई शुरू नहीं की गई है। उनकी रिपोर्ट ब्रिटेन के विनियम 28 के तहत जारी की गई है, जिसका उद्देश्य भविष्य में होने वाली मौतों को रोकना है।

एअर इंडिया के विमान हादसे के संदर्भ में रिपोर्ट में बताया गया कि विमान ने उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद 600 फुट की ऊंचाई से गिरना शुरू किया और देखते ही देखते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हालिया समय की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक रही, जिसमें विमान के यात्रियों के साथ-साथ जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी मौत हो गई।

ब्रिटेन की सरकार ने इस रिपोर्ट पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “यह एक बेहद चौंकाने वाला मामला है। हम सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और भविष्य में मौतों की रोकथाम से जुड़ी हर रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करते हैं।” सरकारी विभागों को 56 दिनों के भीतर इस रिपोर्ट पर औपचारिक प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है।

यह मामला न केवल विमान दुर्घटना की भयावहता को उजागर करता है, बल्कि शव संरक्षण के मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब पूरा ध्यान इस बात पर है कि ब्रिटेन की संबंधित एजेंसियां भविष्य में ऐसे जोखिमों को रोकने के लिए क्या कदम उठाती हैं।

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