उरई में थाना प्रभारी की मौत: महिला सिपाही हिरासत में, पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया
उरई: उत्तर प्रदेश के उरई में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत ने पुलिस महकमे और जिले को स्तब्ध कर दिया है। अरुण कुमार राय की अचानक गोली लगने से हुई मौत के मामले में उनकी पत्नी माया राय की तहरीर पर पुलिस ने महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को हिरासत में लिया है। घटना की गंभीरता और मौके की परिस्थितियों ने इस मामले को तूल दे दिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मीनाक्षी शर्मा और अरुण कुमार राय के बीच कोंच कोतवाली में तैनाती के दौरान नजदीकियां बढ़ी थीं। महिला आरक्षी मीनाक्षी को 14 मार्च 2024 को कोंच कोतवाली में तैनात किया गया था, जबकि अरुण कुमार राय को पांच जुलाई 2024 को कोतवाली प्रभारी बनाया गया। दोनों लगभग सात महीने तक एक ही थाने में तैनात रहे। इस दौरान उनके बीच बढ़ती नजदीकियों की चर्चाएं तेज रहीं।
22 फरवरी 2025 को अरुण का स्थानांतरण उरई कोतवाली कर दिया गया, जबकि मीनाक्षी को 28 अप्रैल 2025 को यूपी-112 यूनिट-1577 में भेजा गया। इसके बावजूद मीनाक्षी कोंच के सरकारी आवास में ही रहकर ड्यूटी करती रही। सूत्रों के अनुसार, अरुण के उरई जाने के बाद मीनाक्षी का व्यवहार बदल गया था और वह उन्हें लगातार किसी न किसी बात पर दबाव डालती रहती थी।
कई बार महिला सिपाही ने थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर विवाद और हंगामे की स्थिति पैदा की थी। लगातार तनाव और दबाव के कारण अरुण कुमार राय की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई, जिससे उनकी मौत तक का रास्ता बन गया। पुलिस ने घटना के बाद थाना प्रभारी के आवास को सील कर दिया और एसपी ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है, जो अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी।
माया राय ने इस मामले में पति की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके पति मानसिक रूप से बहुत मजबूत थे और आत्महत्या जैसी किसी भी स्थिति में जाने वाले नहीं थे। माया ने बताया कि घटना से आधा घंटे पहले ही उन्होंने फोन पर बात की थी। पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी और महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा की भूमिका सामने आने पर उसे हिरासत में लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, मीनाक्षी घटना वाले दिन पीछे के गेट से थाना प्रभारी के आवास पर पहुंची और दरवाजे पर किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई। जब अरुण ने दरवाजा अंदर से बंद किया, तो मीनाक्षी ने जूते से दरवाजे पर ठोकर मारी और इसी दौरान गोली लगने से उनका निधन हो गया। घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिला सिपाही बैग लेकर भागती हुई दिखाई दे रही है।
मृतक का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन उरई लाया गया। पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। डीएम राजेश कुमार पांडेय और एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने नम आंखों से अंतिम सलामी दी और शव घर भेजा गया। इस दौरान परिवार में कोहराम मचा रहा। पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थीं, जबकि बुजुर्ग मां प्रभावती लगातार विलाप कर रही थीं।
अरुण कुमार राय अपने व्यवहार और कार्यकुशलता के लिए पुलिस महकमे में सम्मानित थे। कोंच और उरई कोतवाल के रूप में उन्होंने जनता के बीच लोकप्रियता बनाई थी। उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान करने की शैली ने उन्हें आमजन में खासा पसंदीदा बनाया।
पुलिस और आम लोग इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं महिला सिपाही द्वारा ब्लैक मेलिंग के दबाव में अरुण की जान तो नहीं चली गई। कथित तौर पर महिला सिपाही ने उनके कुछ वीडियो और चैट अपने पास रख लिए थे, जिससे अरुण लगातार परेशान थे। यह मामला जिले और पुलिस विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
इस बीच, एसपी ने कहा कि तीन सदस्यीय टीम पूरी निष्पक्षता के साथ मामले की जांच कर रही है और सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही घटना की वास्तविक वजह स्पष्ट हो पाएगी।
इस पूरे मामले ने न सिर्फ पुलिस विभाग को झकझोर दिया है, बल्कि जिले के लोगों को भी हिला कर रख दिया है।