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कर्नाटक कांग्रेस में हलचल: बेलगावी डिनर मीटिंग ने बढ़ाई नेतृत्व और सत्ता बंटवारे की अटकलें

नई दिल्ली/बेलगावी। कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर सरगर्मी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के करीबी कांग्रेस विधायकों के एक समूह की बुधवार रात बेलगावी में हुई डिनर मीटिंग ने सत्ताधारी पार्टी के भीतर नेतृत्व और सत्ता-साझेदारी को लेकर नई अटकलों को जन्म दे दिया है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब कांग्रेस सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा कर चुकी है और नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।

30 से अधिक विधायकों की मौजूदगी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शहर के एक होटल में आयोजित इस डिनर की मेजबानी वरिष्ठ मंत्री सतीश जारकीहोली ने की, जिसमें 30 से ज्यादा कांग्रेस विधायक शामिल हुए। कुछ नेताओं ने इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हुई एक सामान्य सामाजिक मुलाकात बताया, लेकिन पार्टी के भीतर कई लोग मानते हैं कि इस बैठक में राजनीतिक हालात और भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा हुई।

जारकीहोली का सफाई भरा बयान

डिनर मीटिंग पर उठ रहे सवालों के बीच सतीश जारकीहोली ने इसे सामान्य बताते हुए कहा कि इसमें कुछ भी असाधारण नहीं था। उन्होंने कहा, “एक जैसी सोच वाले लोग अगर साथ बैठकर खाना खाएं, तो इसमें कोई नई बात नहीं है। ऐसी मीटिंग्स पहले भी होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी। इसमें ज्यादा राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।”

हालांकि, जारकीहोली के इस बयान के बावजूद पार्टी के भीतर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

बैठक में कौन-कौन रहा शामिल

इस डिनर में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के बेटे और विधान परिषद सदस्य यतींद्र सिद्दरमैया, पूर्व मंत्री और विधायक के. एन. राजन्ना सहित कई प्रभावशाली नेता मौजूद थे। खुद मुख्यमंत्री सिद्दरमैया इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, खराब सेहत के कारण उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया।

राजनीतिक थी या नहीं? अलग-अलग दावे

जहां जारकीहोली ने बैठक को सामान्य बताया, वहीं विधायक के. एन. राजन्ना ने इसे खुलकर राजनीतिक करार दिया। उन्होंने कहा, “सतीश जारकीहोली ने रात के खाने पर मीटिंग रखी थी। इसमें सिर्फ एससी-एसटी विधायक ही नहीं, बल्कि सभी हमख्याल विधायकों को बुलाया गया था। मैं भी इसमें शामिल था और कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई।”

राजन्ना ने आगे कहा, “हम नेता लोग जब मिलते हैं तो सिर्फ खाने के लिए नहीं मिलते। चर्चा होना स्वाभाविक है और इसके कई मकसद होते हैं।”

पहले भी हो चुकी है हाई-प्रोफाइल मुलाकात

गौरतलब है कि यह डिनर मीटिंग ऐसे समय में हुई है, जब एक हफ्ते पहले ही बेलगावी के बाहरी इलाके में 30 से ज्यादा कांग्रेस विधायक और मंत्री डिप्टी चीफ मिनिस्टर डी. के. शिवकुमार के साथ डिनर पर मिले थे। उस बैठक ने भी पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन को लेकर चर्चाओं को हवा दी थी।

सत्ता के आधे कार्यकाल पर बढ़ी हलचल

20 नवंबर को कांग्रेस सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल के ढाई साल पूरे कर लिए हैं। इसके साथ ही सिद्दरमैया और डी. के. शिवकुमार के बीच 2023 से चले आ रहे कथित पावर-शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर अटकलें फिर से तेज हो गई हैं। हालांकि, हाल ही में दोनों नेताओं ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर एक-दूसरे के घर जाकर नाश्ते पर मुलाकात की थी, जिसे नेतृत्व की खींचतान को फिलहाल शांत करने की कोशिश के रूप में देखा गया।

आगे क्या?

बेलगावी डिनर मीटिंग ने साफ कर दिया है कि कर्नाटक कांग्रेस के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि पार्टी हाईकमान इन संकेतों को कैसे पढ़ता है और क्या नेतृत्व को लेकर कोई बड़ा फैसला सामने आता है, या फिर यह सियासी हलचल सिर्फ अंदरूनी संतुलन साधने तक ही सीमित रह जाती है।

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