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विश्व बाजार में रुपया 90 के पार: जानें भारत, पाकिस्तान और दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं का हाल

नई दिल्ली। भारतीय मुद्रा रुपया पहली बार इतिहास में 90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक लुढ़क गया, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में हलचल तेज हो गई है। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी मानी जाती है, और सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने रुपये में आने वाली गिरावट को स्थायी संकट नहीं माना है। उनका कहना है कि अगले साल रुपये में सुधार की संभावना है। बावजूद इसके, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी चिंता का विषय जरूर बन रही है।


भारतीय रुपया पहली बार 90 के स्तर पर

पिछले कुछ दिनों से रुपये में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही थी। एक्सपर्ट पहले ही अनुमान लगा चुके थे कि चालू हालात में रुपया 90 के स्तर को छू सकता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली, भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी और मजबूत डॉलर ने भारतीय मुद्रा पर दबाव बनाया।
गुरुवार के कारोबारी सत्र में रुपया 90.43 के रिकॉर्ड निम्नतम स्तर तक गिर गया। हालांकि शुक्रवार को इसमें मामूली सुधार दर्ज किया गया।


पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले कितना कमजोर?

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की स्थिति इससे कहीं ज्यादा खराब है। आर्थिक संकट, महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता ने पाकिस्तानी रुपये को बुरी तरह कमजोर कर दिया है।
वर्तमान में 1 अमेरिकी डॉलर = 282.57 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है।
भारत की तुलना में पाकिस्तानी मुद्रा करीब तीन गुना अधिक कमजोर है।
भारत का 1 रुपया = 3.11 पाकिस्तानी रुपये के बराबर होता है।


दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी: लेबनानी पाउंड

अगर बात करें दुनिया की सबसे कमजोर मुद्रा की, तो यह खिताब लेबनान की मुद्रा लेबनानी पाउंड (LBP) के पास है। लेबनान की आर्थिक स्थिति लंबे समय से बदहाल है, और यही कारण है कि 89,550 लेबनानी पाउंड = 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर होता है। लेबनान की अर्थव्यवस्था कई वर्षों से वित्तीय संकट, राजनीतिक उथल-पुथल और मुद्रास्फीति से जूझ रही है।


दूसरे नंबर पर ईरान का रियाल

दुनिया की दूसरी सबसे कमजोर मुद्रा ईरानी रियाल (IRR) है। इसकी कीमत इतनी कम है कि
1 डॉलर = 42,000 रियाल के बराबर होता है।


वियतनामी डोंग तीसरे स्थान पर

वियतनाम की करेंसी वियतनामी डोंग (VND) दुनिया की तीसरी सबसे कमजोर मुद्रा है।
वर्तमान में 1 डॉलर = 26,372 डोंग के बराबर मिलता है।
कमजोर अर्थव्यवस्था और निरंतर अवमूल्यन इसके बड़े कारण हैं।


दुनिया की टॉप-10 सबसे कमजोर मुद्राएं

दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं की सूची इस प्रकार है—

  1. लेबनानी पाउंड (Lebanese Pound – LBP)
  2. ईरानी रियाल (Iranian Rial – IRR)
  3. वियतनामी डोंग (Vietnamese Dong – VND)
  4. लाओस की करेंसी Laotian Kip (LAK) – 1 डॉलर = 21,682 किप
  5. Sierra Leonean Leone (SLL) – 1 डॉलर = 23,164 लियोन
  6. इंडोनेशियाई रुपिया (IDR) – 1 डॉलर = 16,635 रुपिया
  7. उजबेकिस्तान सोम (UZS) – 1 डॉलर = 11,912 सोम
  8. Guinea Franc (GNF) – 1 डॉलर = 8,660 फ्रैंक
  9. Paraguayan Guarani (PYG) – 1 डॉलर = 6,880 गुआरानी
  10. Malagasy Ariary (MGA) – 1 डॉलर = 4,457 आरियारी

निष्कर्ष:
रुपये में कमजोरी अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन वैश्विक आर्थिक दबाव, डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेश की निकासी इसका मुख्य कारण है। आने वाले महीनों में फेडरल रिजर्व की नीतियां और भारत की आर्थिक गतिविधियां तय करेंगी कि रुपया फिर से मजबूत होगा या नहीं।

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